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मंत्री सीमा त्रिखा के परिवार के साथ लाखों की साइबर ठगी, 4 दिन बाद एफआईआर दर्ज, पुलिस पर सवालिया निशान, कैसे पार होगी सरकार की नैय्या ! मंत्री का उनके लिए कोई महत्व नहीं : इंस्पेक्टर अमित

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फरीदाबाद, 30 जुलाई ( नवीन धमीजा ): हरियाणा की शिक्षा राज्य मंत्री सीमा त्रिखा के देवर अतुल त्रिखा के साथ साईबर ठगों द्वारा लगभग सवा लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। अतुल त्रिखा ने ठगी की घटना के तुरंत बाद 26 जून को ही पुलिस को घटना की  जानकारी व शिकायत दे दी थी, उन्होंने पुलिस को ठग का मोबाइल फोन नंबर व उसकी बैंक डिटेल भी उपलब्ध करवा दी थी। परंतु पुलिस ने कोई कार्रवाई करने की बजाय चार दिन बाद इसका मुकदमा दर्ज करने की औपचारिकता पूरी की। इस घटना और पुलिस की कारवाई ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।
 
श्री त्रिखा ने जयपुर में अपने एक फ्लैट को बेचने के लिए एक ऑनलाइन प्रॉपर्टी साईट “मैजिक ब्रिक्स” में अपने फ्लैट की डिटेल दी। जिसके उपरांत उन्हें एक व्यक्ति ने फोन करके कहा कि वह उनका फ्लैट खरीदना चाहता है और उसने खुद को फौजी बताया। उसने उन्हें व्हाट्सएप पर अपना फर्जी आई कार्ड भी भेजा ताकि विश्वास हो जाए कि वो फौजी ही है। करीब तीन दिन तक वह लगातार श्री त्रिखा से फ्लैट खरीदने के लिए कीमत का तोलमोल कर बात करता रहा और विश्वास हासिल कर उनसे 1.23 लाख रुपए ठग लिए। ठगी की वारदात होते ही अतुल त्रिखा ने इसकी जानकारी तुरंत सरकार के ऑनलाइन साईबर पोर्टल सहित स्थानीय पुलिस के साईबर थाने में की। उन्होंने स्थानीय पुलिस को ठग का मोबाईल फोन नंबर भी उपलब्ध करवाया और बताया कि उक्त फोन चालू है। यही नहीं उन्होंने थाना इंचार्ज के सामने बैठ कर भी ठग से बात की और उसे जिक्र तक नहीं किया कि उन्होंने उसकी शिकायत पुलिस से कर दी है। 
 
शिकायतकर्ता का कहना है कि ये सब होने के बावजूद भी पुलिस ने ना तो ठग की लोकेशन लेने की कोशिश की और ना ही एफआईआर दर्ज की। पुलिस ने ढील बरतते हुए चार दिन बाद एफआईआर दर्ज़ की। पुलिस की इस कार्यशैली ने उसकी कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। यदि पुलिस मंत्री के परिवार के साथ ठगी के मामले में इतनी ढलाई बरत रही है तो आम जनता के साथ क्या होता होगा,अंदाज़ा लगाया जा सकता है । इस मामले में जब साइबर थाना प्रबंधक अमित शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा उनके लिए मंत्री या उनका परिवार कोई महत्व नहीं रखता, वो भी जनता की तरह हैं।  मामले की तकनीकी पड़ताल की जा रही है, कुछ मिला तो कार्रवाई की जायेगी , फिलहाल भारतीय दंड संहिता की धरा 420 के तहत मुकदमा दर्ज़ कर लिया गया है।   
 
अगले विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र जहां पूरी सरकार अफसरों को अपना रवैया सुधारने और जन समस्याएं समाप्त करने के प्रयास में लगी है, वहीं पुलिस में फ़ैला भ्रष्टाचार और जनता के साथ नकारात्मक रवैया कैसे सरकार और भाजपा की नैय्या पार लगने देगा या उनकी नैय्या डुबो कर ही मानेगा, ये इसका जीता जागता उदाहरण है।
 
पुलिस के पास मंत्री परिवार की शिकायत के साथ साथ ठग का वो मोबाईल फोन नंबर जो चल रहा है, उसका खाते की पूरी डिटेल भी उपलब्ध करवा दी गई उसके बावजूद भी कोई कार्रवाई करना तो दूर मुकदमा भी चार दिन बाद दर्ज किया गया। सरकार के लिए विपक्ष से ज़्यादा बड़ा चैलेंज ऐसे कर्मी और अधिकारियों की कार्यशैली है। आखिर कैसे नैय्या पार लगेगी भाजपा की और कैसे तीसरी बार सरकार बना पाएगी , जब हरियाणा सरकार के साथ साथ केंद्र सरकार के गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, मनोहर लाल खट्टर, सीएम नायब सैनी और समस्त पार्टी हरियाणा में पुनः सरकार बनाने के प्रयास में जुटे हैं और दूसरी तरफ अफसरों और पुलिस का रवैय्या सबके सामने है ।