वॉलीबॉल प्लेयर उपासना गिल अपनी टीम के साथ नेपाल में फंसी, वीडियो जारी कर भारत सरकार से लगाई मदद की गुहार 

फरीदाबाद, 10 सितम्बर ( नवीन धमीजा ) : नेपाल में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी आंदोलन में दिल्ली की उपासना गिल अपनी टीम के साथ फंस गई हैं। उपासना गिल वॉलीबॉल इवेंट होस्ट करने के लिए वहां गई थीं। उनकी टीम में फरीदाबाद की लड़कियां भी शामिल हैं। मदद की गुहार लगाते हुए उपासना गिल ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर किया है।

वीडियो सामने आने के बाद हरियाणा राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी को पत्र लिखकर तत्काल रेस्क्यू की मांग की है। उन्होंने कहा कि पोखरा के अलावा अन्य जगहों पर कई हरियाणवी नागरिक फंसे हुए हैं, जिन्हें सुरक्षित निकाला जाना जरूरी है।

जानकारी के मुताबिक नेपाल की वॉलीबॉल लीग का सीजन-2 चल रहा था। इसकी शुरुआत 5 सितंबर को हुई थी। 13 सितंबर तक मैच होने थे। उपासना सरोवर होटल में रुकी हुई थी।

उपासना के पीछे डंडे लेकर भागे प्रदर्शनकारी ,बचाई जान 

 पोखरा में फंसी उपासना गिल ने वीडियो में कहा- मैं यहां एक वॉलीबॉल लीग होस्ट करने के लिए आई थी। मैं जिस होटल में रुकी हुई थी, उसे पूरी तरह से जला दिया गया। उपासना ने कहा कि घटना के वक्त मैं स्पा में थी। लोग मेरे पीछे डंडे लेकर दौड़ रहे थे। मैं किसी तरह जान बचाकर वहां से निकली हूं। आप सबसे रिक्वेस्ट है कि यहां पर जो हेल्प कर सकता है, प्लीज करें।

उपासना ने कहा कि यहां पर बुरे हालात हैं। जगह-जगह पर आग लगी हुई है। लोग टूरिस्ट को भी नहीं छोड़ रहे हैं। उनको कोई फर्क नहीं पड़ता कि यहां पर कोई टूरिस्ट है। यहां पर कोई काम करने आया है। वो बिना कुछ सोचे-समझे हर जगह आग लगा रहे हैं। उपासना ने कहा कि हमें नहीं पता हम कितनी देर तक दूसरे होटल में रहेंगे। मैं ये रिक्वेस्ट करती हूं कि प्लीज ये मैसेज इंडियन एंबेसी तक पहुंचाया जाए।

महिला आयोग ने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिख मदद की मांग की है   

आयोग ने केंद्रीय गृह मंत्री को भेजे पत्र में लिखा- एक वीडियो मिला है, जिसमें एक भारतीय महिला मदद की गुहार लगाते हुए नजर आ रही है। जो बता रही है कि वहां पर भारतीय और हरियाणवी महिलाएं काफी संख्या में फंसी हुई हैं। सभी लोग सुरक्षित निकल नहीं पा रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, नेपाल के हिंसा प्रभावित इलाकों में कानून-व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ चुकी है। वहां आवाजाही पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं और जरूरी सेवाओं तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। इन हालात के कारण फंसे हुए लोगों की जान को गंभीर खतरा है।

आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने गृह मंत्रालय से आग्रह किया है कि वह विदेश मंत्रालय (MEA) और काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास के साथ मिलकर काम करे। इससे फंसे हुए भारतीय नागरिकों की सही पहचान हो सकेगी और उन्हें तुरंत राहत और सुरक्षित वापसी की व्यवस्था की जा सकेगी। पत्र में कहा गया है कि बचाव अभियान के दौरान महिलाओं और कमजोर वर्गों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए। आयोग ने केंद्र सरकार से यह भी अनुरोध किया है कि इस दिशा में तुरंत ठोस कदम उठाए जाएं ताकि किसी की जान जोखिम में न रहे।

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