चंडीगढ़, 9 जुलाई ( धमीजा ) : यूपी की लेडी IAS अफसर रानी नागर को हरियाणा सरकार ने जबरन रिटायर करने की कार्रवाई में लग गई है। इसके लिए केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय (DOPT) को प्रस्ताव भी भेज दिया गया है। उन्हें मुख्य सचिव की ओर से सेवा समाप्ति का चौथा नोटिस भेजा गया था, जिसका उन्होंने जवाब नहीं दिया। IAS अधिकारी रानी नागर विवादों के चलते पहले भी सुर्खियों में रही हैं। वह चंडीगढ़ गेस्ट हाउस में खुद को खाने में लोहे की पिन देने का भी आरोप लगा चुकी हैं। उन्होंने एक उच्च अधिकारी पर उत्पीड़न का भी आरोप लगाया था। यूपी की पूर्व सीएम रहीं मायावती भी IAS अफसर का सपोर्ट कर चुकी हैं।
रानी नागर हरियाणा कैडर की 2014 बैच की IAS अफसर हैं। वह लंबे समय से ड्यूटी से गैरहाजिर चल रही हैं। रानी नागर को आखिरी बार 11 मार्च 2020 को अभिलेखागार विभाग में अतिरिक्त सचिव और निदेशक पद की जिम्मेदारी मिली थी। इस पर उन्होंने 27 अक्टूबर 2020 तक सेवाएं दीं।
आईएएस रानी नागर कब कब रही विवादों में :

- सीनियर आईएएस पर लगाए आरोप : रानी नागर जून 2018 में पशुपालन विभाग में अतिरिक्त सचिव थीं। तब उन्होंने पशुपालन विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव पर दुर्व्यवहार और उत्पीड़न के आरोप लगाए थे।
SDM रहते हुए ऑटो ड्राइवर खतरा हुआ तो मांगी सुरक्षा : रानी नागर एक कैब ड्राइवर पर अभद्रता का आरोप लगाने के कारण सुर्खियों में आ गई थीं। वहीं, सिरसा जिला के डबवाली में SDM के पद पर रहते हुए एक ऑटो ड्राइवर से अपनी जान को खतरा बताया था। उन्होंने डीजीपी से इस मामले में शिकायत कर सुरक्षा न मिलने का मुद्दा भी उठाया था।
2020 में दे दिया था इस्तीफा, सरकार ने किया था नामंज़ूर : 2020 में रानी नागर इस्तीफा देकर चर्चा में आई थीं। इस्तीफे की वजह उन्होंने अपनी सुरक्षा को बताया था। हालांकि, हरियाणा सरकार ने उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया था। फिर वह अपने घर यूपी लौट गई थीं। नागर 14 नवंबर 2018 से हरियाणा में सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग में अतिरिक्त निदेशक के पद पर तैनात थीं। 7 मार्च 2020 से वह निदेशक अभिलेखागार का जिम्मा संभाल रही थीं।
यूटी गेस्ट हाउस के खाने में कील परोसने का आरोप: रानी नागर और उनकी बहन रीमा नागर ने 17 अप्रैल 2020 को वीडियो जारी किया था। इसमें कहा था कि अगर उन्हें कुछ हो जाए या वो लापता हो जाएं तो उनके इस वीडियो को बतौर बयान सीजेएम चंडीगढ़ की अदालत में विचाराधीन केस संख्या 3573/2019 में दर्ज कराया जाए। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि चंडीगढ़ के यूटी गेस्ट हाउस में उन्हें खाने में लोहे की कीलें तक परोसी गईं। इसके बाद 4 मई को उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया और अपनी बहन के साथ वापस अपने घर लौट गईं।
पुलिस सुरक्षा ना मिलने पर भी दिया था इस्तीफ़ा : 2022 में लॉकडाउन के वक्त रानी नागर ने यूटी गेस्ट हाउस में रहते हुए कहा था कि कुछ वरिष्ठ आईएएस और चंडीगढ़ पुलिस के कुछ अफसरों के खिलाफ उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वे यूटी गेस्ट हाउस में खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं। उन्हें सिक्योरिटी भी नहीं दी गई। इसलिए वे लॉकडाउन की वजह से लगे कर्फ्यू के बाद इस्तीफा देकर अपने घर गाजियाबाद लौट जाएंगी।
इस्तीफे के बाद मिलने लगा था समर्थन, रानी ने समर्थन से भी किया इंकार
नागर के इस्तीफे से हरियाणा सहित यूपी में भी सियासत गरमा गई। सोशल मीडिया पर लोग उनके समर्थन में उतर आए। उन्होंने 7 मई को फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा- ‘सभी से हाथ जोड़कर सादर विनती है कि मेरा इस्तीफा स्वीकार न किए जाने को लेकर आग्रह और आंदोलन न करें। मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। अपने केस में न्यायपालिका में जाती रहूंगी। मेरे पास अभी रोटी खाने के लिए भी बहुत सीमित साधन हैं।
सभी से विनती है कि जितनी जल्दी मेरा इस्तीफा स्वीकार होगा, उतनी ही जल्दी तनख्वाह में से कटा हुआ एनपीएस फंड प्राप्त होगा। इससे मैं अपना रोटी का खर्चा चला पाऊंगी। इस्तीफा स्वीकार न होने से मेरा और अधिक शोषण होगा। ये सरकारी नौकरी कर पाना मेरे लिए संभव नहीं है। अगर मेरा इस्तीफा रोकने का आग्रह और आंदोलन न करें तो सभी की हम पर बड़ी दया होगी।
पूर्व सीएम् मायावती ने भी समर्थन में उठाई थी आवाज़
रानी नागर के इस्तीफे के बाद यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने ट्वीट कर अफसोस और गुस्सा जताया था। मायावती ने ट्वीट किया था कि हरियाणा की महिला आईएएस अफसर रानी नागर को अपनी जान को खतरे के कारण आखिरकार नौकरी से इस्तीफा देकर वापस अपने घर यूपी लौटना पड़ा है। यह बहुत ही दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण मामला है। महिला सुरक्षा और सम्मान के मामले में ऐसी सरकारी उदासीनता और बाकी लोगों की चुप्पी क्यों?
केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने किया था ट्वीट

रानी का इस्तीफा नामंजूर होने की जानकारी पर केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने ट्वीट कर साझा की थी। उन्होंने लिखा था कि आप सब से खुशी का समाचार साझा कर रहा हूं, हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी रानी नागर का इस्तीफा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नामंजूर कर दिया है।
