चंडीगढ़, 7 अक्टूबर ( धमीजा ) : हरियाणा के सीनियर IPS ऑफिसर वाई पूरन कुमार ने मंगलवार को आत्महत्या कर ली। उन्होंने चंडीगढ़ स्थित अपनी कोठी के बेसमेंट में खुद को गोली मार ली। वाई पूरन कुमार रोहतक स्थित सुनारिया पुलिस ट्रेनिंग सेंटर (PTC) में IG के पद पर तैनात थे। शुरुआती जांच के अनुसार, पूरन कुमार ने PSO के पिस्टल से गोली मारी।
वाई पूरन कुमार हरियाणा पुलिस में 2001 बैच के IPS अफसर थे। 29 सितंबर को ही उनकी पोस्टिंग रोहतक के सुनारिया स्थित पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज (PTC) में IG के तौर पर हुई थी। वह 7 अक्टूबर तक छुट्टी पर थे। हालांकि हरियाणा पुलिस से उनकी छुट्टी की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई।
वाई पूरन कुमार की पत्नी अमनीत पी. कुमार हरियाणा सरकार में ही सीनियर IAS अफसर हैं। अमनीत पी. कुमार हरियाणा CM नायब सैनी के साथ 5 अक्टूबर को जापान गए राज्य सरकार के डेलीगेशन में शामिल हैं। यह डेलीगेशन 8 अक्टूबर की शाम को भारत लौटेगा।
पूरन कुमार की डेडबॉडी को चंडीगढ़ के सेक्टर 16 स्थित मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भिजवाया गया है। अस्पताल की डायरेक्टर सुमन सिंह के अनुसार डॉक्टरों का बोर्ड कल उनका पोस्टमॉर्टम करेगा।
9 पेज का सुसाइड नोट मिला
चंडीगढ़ पुलिस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि मौके से 9 पेज का एक सुसाइड नोट मिला है। इसमें हरियाणा के एक IPS अफसर और 2 पूर्व IPS अफसरों का नाम है। ऐसा माना जा रहा है कि वाई पूर्ण कुमार को पता चल गया था कि वह रिश्वत केस में फंस सकते हैं या उन्हें फंसाया जा सकता है। इसलिए उन्होंने खुद को गोली मार ली।
शराब कारोबारी से लाखों की मंथली मांगने के आरोप में गनमैन गिरफ्तार
रोहतक के SP नरेंद्र बिजारणिया से मिली जानकारी के अनुसार रोहतक रेंज के तत्कालीन IG वाई पूर्ण सिंह के गनमैन सुशील कुमार ने एक शराब कारोबारी से दो से ढाई लाख रुपए मंथली रिश्वत मांगी थी। इस मामले से जुड़ी एक ऑडियो क्लिप पुलिस के पास आई थी, जिसके बाद गनमैन सुशील को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस पूछताछ में सुशील ने वाई पूर्ण कुमार का नाम लिया था। सुशील को कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया गया है।
चंडीगढ़ पुलिस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि मौके से 9 पेज का एक सुसाइड नोट मिला है। इसमें हरियाणा के एक IPS अफसर और 2 पूर्व IPS अफसरों का नाम है। ऐसा माना जा रहा है कि वाई पूर्ण कुमार को पता चल गया था कि वह रिश्वत केस में फंस सकते हैं या उन्हें फंसाया जा सकता है। इसलिए उन्होंने खुद को गोली मार ली।
कई पुलिस अफसरों के साथ रहा विवाद
2001 बैच के हरियाणा कैडर के अफसर वाई पूरन कुमार अपनी पोस्टिंग के दौरान कई बार चर्चा में रहे। साल 2020 में उन्होंने तत्कालीन DGP पर छुट्टी के दिन मंदिर जाने को लेकर हुए विवाद के बाद उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए अंबाला SP को शिकायत दी थी। इसके साथ ही, उन्होंने अनुसूचित जाति के अफसरों की फील्ड पोस्टिंग में भेदभाव का मुद्दा भी उठाया था।
उन्होंने DGP मनोज यादव के खिलाफ अंबाला SP को शिकायत दर्ज करवाई। लेकिन कार्रवाई न होने पर उन्होंने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, गृह मंत्रालय और केंद्र सरकार तक शिकायत पहुंचाई। हालांकि, बाद में गृह विभाग ने पूरे मामले की जांच की और उनकी शिकायत को खारिज कर दिया। इसके बाद वे हाईकोर्ट गए। लेकिन हाईकोर्ट ने भी इसे अनावश्यक बताते हुए खारिज कर दिया।

इसके अलावा, 2024 में हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने एक IPS ऑफिसर की पोस्टिंग को लेकर चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने कहा था कि वह अधिकारी सत्ताधारी पार्टी का करीबी है, इसलिए उसका ट्रांसफर होना चाहिए।
पिछले साल ही उन्होंने नई इनोवा कार न मिलने पर अपनी पुरानी होंडा सिटी कार लौटा दी थी और चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखकर अधिकारियों के व्हीकल अलॉटमेंट सिस्टम पर सवाल उठाए थे।
IPS अफसरों के पास दो द सरकारी मकानों का मामला भी उठाया
साल 2023 में वाई पूरन कुमार ने ही 9 IPS अधिकारियों द्वारा दो-दो सरकारी मकानों पर कब्जा करने का मामला उजागर किया था। इसके बाद, संबंधित अधिकारियों से एक सरकारी मकान खाली कराया गया और उन पर जुर्माना भी लगाया गया। इस घटना के बाद, प्रदेश सरकार ने आदेश जारी किया कि कोई भी अधिकारी 2 मकान नहीं रख पाएगा।
SC अफसरों की पोस्टिंग में भेदभाव को लेकर आयोग के समक्ष आवाज़ उठाई थी SC अफसरों की फील्ड पोस्टिंग को लेकर भी वाई पूरन कुमार ने आवाज उठाई थी। उन्होंने 16 फरवरी और 28 जून 2024 को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को पत्र लिखकर बताया था कि हरियाणा में अफसरों की फील्ड पोस्टिंग में भेदभाव हो रहा है। SC अफसरों को फील्ड तैनाती में उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया जा रहा है और इस संबंध में हर तीन महीने में आयोग को भेजी जाने वाली रिपोर्ट भी नहीं भेजी जा रही है।
