फरीदाबाद , 3 जनवरी ( धमीजा ) : नए साल में हरियाणा सरकार के मंत्री विपुल गोयल तथा केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के गले मिलने की फोटो तेज़ी से वायरल हुई और इस सर्द मौसम में इस फोटो की चर्चा गरम है। एक पुरानी फिल्म “ब्रह्मचारी ” का गीत ‘ तेरे मेरे प्यार के चर्चे हर ज़ुबान पर ‘ काफी चर्चित हुआ था , ठीक उसी तरह वायरल हुई फोटो भी ऐसे ही लोगों की जुबां पर है। और लोग एक दूसरे से पूछ रहे हैं, क्या सही में इन दोनों की सच्ची दोस्ती हो गई है।
कभी विपुल गोयल और कृष्णपाल गुर्जर बेहद करीबी दोस्त थे, आपस में घी शक्कर थे। राजनीति से लेकर पारिवारिक फैसले तक भी आपस में घुल मिल कर लिया करते थे। कृष्णपाल गुर्जर की चुनावी कमान विपुल गोयल संभालते थे। वर्ष 2014 में विपुल सक्रीय राजनीति में आये, कृष्णपाल के सहयोग से भाजपा की टिकट मिली और एमएलए फिर मंत्री बने। बस इसके बाद दोनों नेताओं की मित्रता में कड़वाहट पैदा हुई और एक दूसरे के घुर विरोधी बन बैठे। परिणामस्वरूप 2019 में विपुल गोयल की टिकट कट गई और पिछले पांच साल ( 2019 से 2024 ) में केपी (कृष्णपाल ) की तूती बोलने लगी। श्री गोयल के कई समर्थक भी केपी ( कृष्णपाल ) के खेमे में शामिल हो गए। यहां तक कि श्री गोयल के ख़ास सिपाहसालारों ने भी पाला बदल लिया। इस बार यानी 2024 में विपुल गोयल फिर भाजपा की टिकट पर एमएलए बन कर नायब सैनी सरकार में ताकतवर मंत्री बन गए। यूं तो चुनाव प्रचार के दौरान कई बार केपी अपने राजनैतिक विरोधी श्री गोयल के मंच पर नज़र आये। तभी लोगों में कानाफूसी होने लगी थी कि क्या इनकी पुरानी दोस्ती फिर नज़दीकियों में तब्दील होने लगी है या ये मात्र राजनैतिक मंचों की नज़दीकियां हैं। ये सवाल लोगों के ज़हन में उठने लगे थे।
इसी बीच 2024 में जहां केपी लगातार तीसरी बार सांसद बनकर मोदी कैबिनेट में राज्यमंत्री बने, वहीँ फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र से तीन विधायक विपुल गोयल , राजेश नागर तथा गौरव गौतम हरियाणा सरकार में मंत्री बने। मंत्री बनते तीनों एकजुट हो गए और इनके समर्थकों ने कहा कि ये तीन नहीं ( 111 ) तीन इक्के हैं। सन्देश दिया गया कि ये तीन इक्के इकट्ठे हैं और तीन इक्के जहां हों बाज़ी उसी के हाथ होती है। वहीँ केपी के समर्थक और बीजेपी का एक बड़ा गुट केपी को सियासी बादशाह मानते हैं। अब नए वर्ष में विपुल द्वारा उनके कार्यालय पर आयोजित लंगर में तमाम लोग व नेता तो पहुंचे ही केपी भी वहां नव वर्ष की बधाई देने पहुंचे। इस अवसर पर केपी और विपुल गोयल का एक दूसरे से ज़ोर से गले मिलना और वो तस्वीर वायरल होते ही शहर में राजनैतिक चर्चा गरमा गई।
अब चर्चा इन दोनों की दोस्ती से ज़्यादा इस बात की है कि आगे तीन इक्के इकट्ठे रहेंगे या इक्का और बादशाह एक होंगे। चर्चा है कि तुरुप का खेल खेलने वाला वो खिलाड़ी कौन है, जो कभी इन इक्कों को इकठ्ठा दिखाता है और कभी इक्के और बादशाह को इकट्ठे दिखाने का खेल खेल रहा है। क्या इससे तीन इक्के इकट्ठे रहेंगे या तुरुप का इक्का और बादशाह एक होंगे। आखिर राजनीति के इस रोचक खेल में बाज़ी कौन मारेगा। लोगों के बीच चर्चा गरम है और सर्दी में मुद्दे ने गर्माहट पैदा कर दी है। शाम की चाय की चुस्कियां हों या कॉकटेल पार्टियां – मुद्दा गरम है।
वैसे अगर तीनों इक्के और बादशाह एक हो जाएँ तो फरीदाबाद की तस्वीर बदल जायेगी, चूँकि ये सभी फरीदाबाद की तरक्की चाहते हैं। केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार के मंत्रियों की एजुटता फरीदाबाद को इसका खोया हुआ गौरव वापिस दिलवाने में कामयाब हो सकते हैं। एक समय था जब फरीदाबाद औद्योगिक क्षेत्र का नाम ना केवल भारतवर्ष में बल्कि एशिया में उद्योगों के लिए जाना जाता था। परन्तु पिछले 3 – 4 दशकों में फरीदाबाद पिछड़ता चला गया। और इसके साथ लगते शहर गुरुग्राम व नॉएडा काफी आगे निकल गए। पहली बार फरीदाबाद में एकसाथ केंद्रीय मंत्री व तीन मंत्री प्रदेश सरकार में बने हैं और यदि चारों मिल जाएँ तो शहर की चारों दिशाओं का विकास होगा और तस्वीर फिर बदल सकती है।