ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में मंत्री विपुल गोयल की सख्ती से अफसरों में हड़बड़ाहट, तहसीलदार व डीएसपी चार्जशीट

रेवाड़ी, 28 जुलाई ( धमीजा ) : आज ग्रीवेंस कमेटी के चेयरमैन व शहरी स्थानीय निकाय और नागरिक उड्डयन मंत्री विपुल गोयल भ्रष्ट व कामचोर अफसरों को खींच कर ले रहे हैं। जनता की शिकायतों को सुलझाने के साथ काम निकम्मे अफसरों के खिलाफ सख्ती से पेश आ रहे है। आज रेवाड़ी में ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग में एक मामले में तहसीलदार को सख्त तेवर दिखते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए । शिकायत सुनने व जानने के बाद बाद उन्होंने कहा कि विवादास्पद जमीन की रजिस्ट्री करने के मामले में जांच के बाद चार्जशीट नहीं, बड़ी कार्रवाई होगी।

उन्होंने कहा कि अधिकारी का चाहे जहां ट्रांसफर हो जाए, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता उसके बावजूद भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कोसली तहसीलदार जितेंद्र के खिलाफ जांच के निर्देश दिए है।

डीएसपी के खिलाफ चार्जशीट व जांच एसपी को सौंपी 

वहीं एक मामले में महिला के घर में हुई छेड़छाड़ और तोड़फोड़ की शिकायत पर लापरवाही पर रेवाड़ी हेडक्वार्टर डीएसपी रविंद्र कुमार के खिलाफ चार्जशीट के आदेश दिए गए है। महिला ने बताया था कि उसके घर में चार गाड़ियों में सवार होकर 20- 22 लोग आए थे। उसकी घर में तोड़फोड़ हुई परिवार के लोगों के साथ बेटियों के साथ छेड़छाड़ की। डीएसपी केस के मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रहे। डीएसपी ने कहा कि आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाद में गिरफ्तारी की बात झूठी निकली तो मंत्री विपुल गोयल गुस्सा हो गए। मंत्री ने कहा कि इन्हें केस से हटाओ और और इनके खिलाफ चार्जशीट करो। 

रेवाड़ी महिला विरुद्ध अपराध के जिस केस में डीएसपी रविंद्र को चार्जशीट करने के निर्देश दिए हैं, उसकी जांच अब खुद एसपी करेंगे। रेवाड़ी डीएसपी से गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम बताने में चूक होने पर कार्रवाई हुई। महिला जिनकी दीपक और पंकज बात कर रही थी, उन्हें गिरफ्तार होने के बाद कही लेकिन बाद में डीएसपी ने 5 गिरफ्तार आराेपियों के नाम बताए तो उसमें पंकज और दीपक शामिल नहीं थे।

पिछली बैठक में भी किया था तहसीलदार चार्जशीट

बता दे कि पिछली बैठक में भी रेवाड़ी के तत्कालीन तहसीलदार को चार्जशीट करने के निर्देश दिए थे। कंकरवाली रोड स्थित जोहड़ की पैमाइश चार महीने तक लंबित रखने पर तत्कालीन तहसीलदार श्रीनिवास को मंत्री विपुल गोयल ने चार्जशीट करने के निर्देश दिए गए थे। मंत्री ने कहा कि इतनी देर तक रिपोर्ट न देना गंभीर लापरवाही है और नियम 7 के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने सख्त लहजे में यह भी कहा कि, “ऐसी लापरवाही पर किसी को भी सस्पेंड करने में दो मिनट भी नहीं लगेंगे।”

जिला वन अधिकारी भी जांच के घेरे में 

एक शिकायत की सुनवाई के दौरान, जब जिला वन अधिकारी (DFO) की जरूरत पड़ी तो वे मौके पर नहीं मिले। उनके जूनियर अधिकारी ने बताया कि DFO, अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) की मीटिंग में चंडीगढ़ गए हुए हैं। इस पर राज्यमंत्री विपुल गोयल ने कहा कि उनकी चिट्ठी मंगवाई जाए और जांच की जाए कि वे वास्तव में मीटिंग में गए थे या नहीं। इस बार भी हाईकोर्ट में केस की पैरवी के लिए डीएफओ मीटिंग में गए बताए। जिसकी जांच रेवाड़ी डीसी अभिषेक मीणा करेंगे।

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