पिछले वर्ष हरियाणा में हारे 42 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा को मज़बूत करने के लिए सीएम के नेतृत्व में रणनीति तैयार

चंडीगढ़, 29 जुलाई ( धमीजा ) : हरियाणा में पिछले वर्ष ( 2024 में ) हुए विधानसभा चुनावों में जिन 42 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा चुनाव हार गई थी ,उन क्षेत्रों में भाजपा को मज़बूत करने के लिए सीएम नायब सैनी के नेतृत्व में कवायद आरम्भ कर दी है। आज चंडीगढ़ में भाजपा विधायक दल की मीटिंग में इसके लिए रूपरेखा तैयार की गई । चंडीगढ़ स्थित सीएम आवास पर मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में करीब ढाई घंटे चली इस मीटिंग में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई । मीटिंग में तय किया गया कि हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में हारी 42 विधानसभा सीटों के लिए मेगा प्लानिंग करेगी।

इसके लिए विधायकों को प्रभारी बनाया जाएगा। सबसे अहम बात यह है कि इन जिलों में जितने भी काम होंगे प्रभारी विधायक की देख रेख में ही किए जाएंगे। इसके अलावा संगठन का काम भी यही विधायक के जिम्मे रहेगा। हरियाणा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने मीटिंग के बाद कहा कि विधायकों को जिन जिलों का प्रभारी लगाया गया है, उसकी लिस्ट जल्द जारी की जाएगी।

विपुल गोयल रोहतक, विनोद भ्याना फतेहाबाद व शक्ति रानी शर्मा होंगी सढौरा की प्रभारी 

पार्टी सूत्रों का कहना है कि मीटिंग में हांसी विधानसभा से बीजेपी विधायक विनोद भयाना को फतेहाबाद जिले का प्रभारी लगाया गया है। वहीं शहरी स्थानीय निकाय विभाग के मंत्री विपुल गोयल को रोहतक के प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है। कालका से पार्टी विधायक शक्ति रानी शर्मा को सढ़ोरा विधानसभा का प्रभारी लगाया है। हालांकि पार्टी अभी इसकी आधिकारिक लिस्ट जारी करेगी। 

सीएम आवास पर हुई विधायक दल की मीटिंग के संबंध में रविवार को सभी विधायकों को सूचित कर दिया गया था। मीटिंग में मुख्यमंत्री नायब सैनी, विधायकों से केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं पर चर्चा की। उनसे फील्ड की रियल्टी का भी फीडबैक लिया। सीएम को विधायकों ने बताया कि हाल ही में सीईटी एग्जाम के सफल आयोजन की लोगों ने बहुत सराहना की है। उन्होंने सीएम को ग्रुप डी के रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को भी जल्द जारी किए जाने का सुझाव दिया।

प्रभारी विधायक-मंत्री ज़मीनी स्तर पर करेंगे काम 

इन हलकों में पार्टी कार्यकर्ताओं के अलावा आम लोगों की समस्याओं को सुनने और उन्हें दूर करने का जिम्मा मंत्रियों और विधायकों को सौंपा गया है। मंत्रियों और विधायकों को इन हलकों में जाना भी पड़ेगा। विपक्ष के हलकों में दौरों के दौरान मंत्री और विधायक पार्टी के उम्मीदवारों के अलावा वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों को भी साथ रखेंगे।

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