चंडीगढ़, 9 सितम्बर ( धमीजा ) : रोहतक में जलभराव का निरीक्षण करने पहुंचे CM नायब सैनी और महम ब्लॉक समिति के चेयरमैन नवनीत राठी के बीच बहस का मामला प्रकाश में आया है। इस दौरान चेयरमैन ने CM से सरपंचों के लिए ग्रांट मांगी। जिसके जवाब में सीएम ने कहा कि सभी सरपंचों को ग्रांट मिल चुकी है। किसी सरपंच की कोई शिकायत नहीं है। यह पूरा मामला रविवार रात 9 बजे महम के गांव भैणी महाराजपुर का है।
हालांकि, अब इसका 42 सेकेंड का वीडियो सामने आने के बाद बहस का खुलासा हुआ है। दरअसल, सीएम नायब सैनी जलभराव का दौरा करने के दौरान लोगों से मिल रहे थे। इस दौरान महम ब्लॉक समिति के वार्ड-1 से मेंबर प्रशांत ने सरकार और प्रशासन की तारीफ करनी शुरू कर दी। इसी दौरान चेयरमैन नवनीत राठी ने सरपंचों को मिलने वाली ग्रांट का मुद्दा उठा दिया। जिसके जवाब में सीएम ने कहा कि वह गलत बोल रहे हैं। ऐसा कोई नहीं है, जिसे ग्रांट न मिली हो। इस दौरान थोड़ी देर वहां सरकार समर्थकों ने शोरशराबा करते हुए सरकार और प्रशासन के साथ लोकल अधिकारियों की भी तारीफ की।
चेयरमैन के खिलाफ सदस्य लामबद्ध इससे पहले महम ब्लॉक समिति चेयरमैन नवनीत राठी के खिलाफ 19 सदस्य एकजुट हो चुके हैं। ये सदस्य 21 अगस्त को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली को ज्ञापन दे चुके हैं, जिसमें ब्लॉक समिति के सदस्यों ने चेयरमैन पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए हैं, लेकिन अभी तक चेयरमैन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
महम ब्लॉक समिति की वाइस चेयरमैन निशु रानी ने कहा कि चेयरमैन नवनीत के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई मामले हैं। इसे लेकर सीएम को शिकायत की गई है। मगर, सरकार की तरफ से चेयरमैन के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। नवनीत लगातार सरकार को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं।
चेयरमैन का आरोप उनके खिलाफ चल रहा षड्यंत्र चेयरमैन राठी ने कहा- मैं दिसंबर 2022 में चेयरमैन बना था। उस समय 23 सदस्य मेरे साथ थे। 7 सदस्य ही खिलाफ थे। 21 अगस्त को कुछ लोगों ने प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली को ज्ञापन दिया था, जिसके दो दिन बाद 26 सदस्य मेरे पक्ष में थे। चेयरमैन बनने के बाद से ही मुझे 7-8 बार तोड़ने का प्रयास किया, लेकिन मैं टूटा नहीं। राठी ने कहा कि जो लोग खुद कांग्रेस में रहे हैं, वो उन पर आरोप लगा रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग उनकी कुर्सी छीनना चाहते हैं, लेकिन ब्लॉक समिति सदस्य उनके साथ हैं। सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। रविवार को सीएम से सरपंचों को बाढ़ राहत कोष में ग्रांट अधिक देने की बात कही थी। लोगों ने उसका गलत मतलब निकाल लिया।