चंडीगढ़, 28 दिसंबर ( धमीजा ) : शहरी निकायों में आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है ,अब राज्य चुनाव आयुक्त चुनाव कराने को तैयार है। पहले चरण में 27 शहरी निकायों में चुनाव होने हैं, जबकि सात शहरी निकायों के चुनाव दूसरे चरण में होंगे। पहले चरण में होने वाले शहरी निकायों के चुनाव संबंधी मतदाता सूचियों को फाइनल करने का काम छह जनवरी तक पूरा कर लिया जाएगा, जिसके दो से तीन दिनों के बाद शहरी निकाय चुनाव का कार्यक्रम घोषित होगा। अब चुनाव लड़ने वाले नेता चुनाव प्रचार के दौरान अधिक धनराशि खर्च कर सकेंगे। मेयर का चुनाव लड़ने वाले 30 लाख रु तक खर्च कर सकेंगे।
मतदान ईवीएम से ही होगा ,राज्य चुनाव आयुक्त के पास ऐसी कोई मांग कांग्रेस अथवा आम जनता की ओर से नहीं पहुंची कि शहरी निकाय चुनाव बैलेट पेपर से होने चाहिए। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान ने कुछ दिन पहले कहा था कि पार्टी को ईवीएम पर कोई भरोसा नहीं है, इसलिए निकाय चुनाव बैलेट पेपर से कराए जाने चाहिए। राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल ने इस मांग को लेकर कोई मांग पत्र नहीं दिया है।
राज्य चुनाव आयुक्त ने शहरी निकाय चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर सभी जिला उपायुक्तों से कहा है कि वे छह जनवरी तक हर हाल में मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन सुनिश्चित कर लें, ताकि चुनाव कार्यक्रम घोषित करने में किसी तरह का विलंब नहीं हो सके।
मेयर चुनाव में प्रत्याशी 30 लाख रु और पार्षद साढ़े सात लाख रुपये खर्च कर सकेंगे
हरियाणा में फरवरी में प्रस्तावित निकाय चुनाव में प्रत्याशी चुनाव प्रचार पर अब अधिक राशि खर्च कर सकेंगे मेयर पद के उम्मीदवार 30 लाख तो पार्षद पद के उम्मीदवार साढ़े सात लाख रुपये प्रचार पर खर्च कर सकते हैं। राज्य चुनाव आयोग ने मेयर प्रत्याशी के चुनाव प्रचार खर्च की सीमा पांच लाख रुपये और पार्षद की डेढ़ लाख रुपये बढ़ाई है।
इसी तरह नगर परिषद के प्रधान पद के उम्मीदवार 16 लाख की बजाय 20 लाख रुपये और पार्षद पद के उम्मीदवार साढ़े तीन लाख रुपये की बजाय साढ़े चार लाख रुपये खर्च कर सकेंगे। नगर पालिका प्रधान के लिए प्रचार खर्च की सीमा साढ़े दस लाख रुपये से बढ़कर साढ़े बारह लाख और पार्षद के लिए ढाई लाख से बढ़कर तीन लाख रुपये की गई है।
चुनाव के एक महीने के अंदर सभी उम्मीदवारों को निर्धारित प्रोफार्मा में अपने चुनावी खर्च का ब्योरा राज्य चुनाव आयोग को देना होगा। यदि कोई उम्मीदवार तय समय में खर्च का ब्योरा जमा करने में असफल रहता है तो उसके खिलाफ चुनाव आयोग कड़ी कार्रवाई कर सकता है। ऐसे व्यक्ति को पांच साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य माना जाएगा।
पहले चरण में होंगे फरीदाबाद -गुरुग्राम नगर निगम चुनाव
चुनाव की इस प्रक्रिया में पहले चरण में गुरुग्राम, फरीदाबाद व मानेसर के सामान्य तथा अंबाला व सोनीपत नगर निगमों के उपचुनाव होंगे। रोहतक और हिसार नगर निगमों में वार्डबंदी का काम हालांकि पूरा हो चुका है, लेकिन करनाल, यमुनानगर, पानीपत के साथ इन दोनों नगर निगमों के चुनाव दूसरे चरण में कराए जाएंगे।
थानेसर नगर परिषद की वार्डबंदी का काम पूरा हो गया है, लेकिन इसके चुनाव दूसरे चरण में होंगे। कालांवाली के चुनाव भी दूसरे चरण में होंगे, जबकि सोहना के उपचुनाव पहले चरण में कराए जाएंगे।
सोहना का केस हाई कोर्ट में चल रहा था, जो कि पीड़ित के पक्ष में नहीं गया है। अंबाला, पटौदी, जाखल मंडी और सिरसा नगर परिषदों के चुनाव पहले चरण में होंगे।