गैंगरेप मामले में फंसे भाजपा अध्यक्ष बड़ौली से इस्तीफ़ा देने की मांग की मंत्री अनिल विज ने, मामला गरमाया

चंडीगढ़ , 18 जनवरी ( धमीजा ) : गैंगरेप मामले में फंसे हरियाणा भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली से उन्हीं की सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने इस्तीफा मांग लिया है। उनका कहना है कि जब तक श्री बड़ोली पुलिस जाँच में निर्दोष साबित ना हो जायें , पार्टी की पवित्रता बनाये रखने के लिए उन्हें पद से त्यागपत्र दे देना चाहिये।  अनिल विज ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली पर लगे आरोपों की जांच हो रही है। बड़ौली कह रहे हैं कि मैं निर्दोष हूं। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि हिमाचल पुलिस की जांच में वे निर्दोष साबित होंगे। जब तक हिमाचल प्रदेश पुलिस उन्हें निर्दोष साबित नहीं कर देती या जब तक जांच पूरी न हो, तब तक पार्टी की पवित्रता को बनाए रखने के लिए उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

श्री विज का ये ब्यान इस मामले में काफी हम माना जा रहा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ पार्टी का कोई भी नेता कुछ भी बोलने से बच रहा है। खासतौर पर ये मामला तब दर्ज हुआ और सामने आया है जब पार्टी संगठन के चुनाव चल रहे हैं और पार्टी के कई धुरंधर नेता प्रदेश में भाजपा की कमान संभालना चाहते हैं। माना जा रहा है कि इस घटना के बाद श्री बड़ौली का दोबारा से अध्यक्ष बनना या किसी बड़े पद पर आना मुश्किल हो गया है। 

13 दिसंबर को हिमाचल के कसौली में दर्ज हुआ था गैंगरेप का मामला 

एक युवती की शिकायत पर मोहन लाल बड़ौली और हरियाणवी सिंगर रॉकी मित्तल के खिलाफ 13 दिसंबर 2024 को थाना कसौली में गैंगरेप का मामला दर्ज किया गया था। एफआईआर की कॉपी 14 जनवरी 2025 को सामने आई थी। 16 जनवरी को आरोप लगाने वाली महिला की फ्रेंड मीडिया के सामने आई थी और उसने कहा था कि होटल में कोई गैंगरेप नहीं हुआ। वह कभी बड़ौली से नहीं मिली। होटल में वह सिर्फ रॉकी मित्तल से मिली थी और उसका नाम जबरन गवाह के तौर पर एफआईआर में डलवा दिया गया है।

बड़ौली की बड़ी राजनैतिक मुश्किलें 

इस घटना के बाद हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली की राजनीतिक मुश्किलें बढ़ गई हैं। बड़ौली पिछले साल जुलाई में हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष बने थे। इन दिनों हरियाणा में भाजपा संगठन के चुनाव चल रहे हैं और पार्टी के कई बड़े नेता प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल हैं। बड़ौली के एक बार फिर से भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनने की संभावना थी, लेकिन हिमाचल प्रदेश के कसौली थाने में उनके विरुद्ध दर्ज दुष्कर्म की रिपोर्ट ने उनकी फिर से अध्यक्ष बनने की राह में अड़चनें पैदा कर दी हैं। प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए अब बाकी दावेदार भाजपा के राजनीतिक गलियारों में सक्रिय हो गए हैं। दुष्कर्म कांड में क्लीन चिट मिलने के बाद भी उन्हें दोबारा कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी, इसकी संभावना भी कम ही हैं। हरियाणा बीजेपी प्रदेश पर लगे गंभीर आरोप को लेकर विपक्ष हमलावर है और इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से इस पर कोई बयान नहीं आया है

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