चंडीगढ़ , 5 जून ( धमीजा ) : संगठन सृजन अभियान के लिए राहुल गांधी ने चंडीगढ़ में 3 घंटे के कार्यक्रम में एक हिदायत और 2 स्पष्ट सलाह दीं। कहा कि गुटबाजी से पार्टी को नुकसान नहीं होना चाहिए। संगठन बनाने में किसी की सिफारिश नहीं चलेगी।
जिलाध्यक्ष बनने के लिए 35 से 55 साल के बीच की आयु सीमा की शर्त रहेगी। नए चेहरों को भी मौका मिल सकता है। कोई नामी खिलाड़ी या समाजसेवी को भी जिलाध्यक्ष बनने का मौका मिल सकता है।
विधानसभा चुनाव में हार के 8 महीने बाद राहुल को ये संदेश देने पड़े, क्योंकि गुटबाजी के कारण पार्टी को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है। विधानसभा चुनाव से लेकर मेयर तक के चुनाव में पार्टी ने हार झेली। पहली बार नगर निगमों में कांग्रेस शून्य हुई। नेताओं की आपसी लड़ाई से वर्कर नाराज हैं, जिसका फायदा भाजपा उठा रही है। बंसीलाल, भजनलाल और जिंदल परिवार के बड़े चेहरे कांग्रेस छोड़ चुके हैं।
असर क्या: कांग्रेस पहली दफा लगातार तीसरी बार सत्ता से बाहर कांग्रेस 2014 के बाद से सत्ता में नहीं आई है। 2014, 2019 और 2024 के विधानसभा चुनावों में लगातार तीन हार झेलनी पड़ीं। प्रदेश के सियासी इतिहास में यह पहला मौका है जब कांग्रेस इतने लंबे समय तक सत्ता से बाहर है। यही नहीं, प्रदेश की सत्ता में हैट्रिक लगाने वाली भाजपा पहली पार्टी बनी है।
राहुल ने 3 घंटे सीनियर नेताओं-पर्यवेक्षकों से मीटिंग की चंडीगढ़ में बुधवार को संगठन सृजन अभियान के तहत मीटिंग हुई। इस दौरान राहुल ने पार्टी कार्यालय में 3 घंटे बिताए। पहले प्रदेश के 17 प्रमुख नेताओं के साथ बैठक की। फिर जिलाध्यक्ष के नाम सुझाने के लिए लगाए गए पर्यवेक्षकों के साथ चर्चा की। पर्यवेक्षकों में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 88 नेता शामिल हैं। यह पहला मौका है जब गांधी परिवार से कोई नेता हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचा।