सूरजकुंड रोड पर स्थित तोड़फोड़ को लेकर केंद्रीय मंत्री गुर्जर ने कहा अब किसी हालत में नहीं होने दी जायेगी तोड़फोड़, नेहरू कॉलोनी में 8 हज़ार मकानों को खाली करने के नोटिस 

फरीदाबाद , 2 जुलाई ( धमीजा ) :  फरीदाबाद में सरकार ने एलिवेटेड फ्लाईओवर के लिए 8 हजार मकानों को खाली कराकर गिराने की तैयारी कर ली है। इसके लिए बाकायदा पुनर्वास विभाग की तरफ से इन मकानों में रहने वालों को नोटिस भेज दिया गया है। दूसरी ओर सूरजकुंड रोड पर पिछले कई दिनों से चल रही तोड़फोड़ को लेकर आज केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने गांव वालों को सम्बोधित करते हुए स्पष्ट किया कि उनके गांव में किसी भी हालत में मकान नहीं टूटने दिए जाएंगे।  उन्होंने कहा ही अब तक जो तोड़फोड़ हुई उन्हें भी उसका दुःख है , लेकिन अब गांव में तोड़फोड़ नहीं होगी। 

पिछले करीब एक महीने से सूरजकुंड रोड पर भरी तोड़फोड़ चल रही है। पक्ष विपक्ष के कई बड़े राजनेताओं सहित अनेक लोगों के फार्महाउस व ठिकाने धाराशायी किये गए। हालांकि ये मुद्दा भी ज़ोर शोर से उठ रहा है कि फार्महाउसों में तो चारदीवारी के साथ बड़े स्तर पर हरियाली की हुई थी , भारी मात्रा में पेड़ पौधे और घास आदि लगा कर बंजर पड़ी पहाड़ी को चमन किया गया था।  इसके अलावा इसी रोड पर सरकार ने ही जिमखाना क्लब व सूरजकुंड होटल जैसे बड़े आलिशान निर्माण किये हुए हैं। सरकार ने निजी फार्महाउसों या मकानों अथवा अन्य निर्माणों को तो धाराशायी कर दिया लेकिन सरकार द्वारा किये गए निर्माण ज्यों के त्यों बने हैं। तोड़फोड़ में दोहरी नीति अपनाये जाने के आरोप लग रहे हैं, जिसका जवाब किसी के पास नहीं है। इसके अलावा ये भी मुद्दा उठ रहा है कि फार्महाउस विकसित करने या मकान अथवा अन्य निर्माण में महीनों व बरसों लगते हैं , रातों रात नहीं बन सकते, यदि अवैध तरीके से कुछ बना था तो स्पष्ट है कि सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत के बिना नहीं बन सकते। ऐसे में उन अफसरों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए जिनके कार्यकाल में ये तमाम निर्माण हुए। सूरजकुंड रोड पर हुई तोड़फोड़ को लेकर सरकार व अफसरों पर सवालिया निशान लग रहे हैं। जिन लोगों के यहां तोड़फोड़ की गई है यदि वह अदालत में गए तो कई बड़े अफसरों पर भी गाज गिर सकती है।   

नेहरू कॉलोनी में बसे लोगों को नोटिस , खौफ का मंज़र …

दूसरी ओर एनआईटी तीन के साथ लगती रिहायशी नेहरू कॉलोनी में दिए गए नोटिस में लोगों को 10 जुलाई तक का ही समय दिया गया है। उन्हें चेतावनी भी दी गई है कि यदि निर्धारित समय सीमा में मकान खाली नहीं किया गया तो 10 जुलाई के बाद विभाग स्वयं कब्जा खाली करा लेगा। नोटिस मिलने के बाद से इन 8 हजार मकानों में बसे लोगों को छत छिनने का डर सताने लगा है। उनका कहना है कि वे पिछले करीब 50 साल से यहां रह रहे हैं। चुनाव में वोट भी करते हैं, अगर सरकार घर छीन लेगी तो वे कहां जाएंगे ! 

नेहरू कॉलोनी में इस समय छोटे- बड़े लगभग 8 हजार मकान है। सरकार का कहना है कि इन लोगों ने पुनर्वास विभाग की 60 एकड़ जमीन पर कब्जा कर अवैध रूप से मकान बनाए हैं।

गुडगाँव जाने के लिए एलिवेटेड फ्लाइओवर की योजना: फरीदाबाद में मेट्रो चौक से सैनिक कॉलोनी रोड तक जाम खत्म करने के लिए एलिवेटेड फ्लाईओवर बनाने की तैयारी की जा रही है। यह एलिवेटेड फ्लाइओवर मेट्रो चौक से शुरू होकर एनआईटी-3 होते हुए सैनिक कॉलोनी मोड़ तक जाएगा। ऐसे में गुरुग्राम जाने वाले इस फ्लाईओवर का प्रयोग करेंगे। वहीं, जिन लोगों को आसपास ही जाना है, वे नीचे से जा सकेंगे। इसी को लेकर यह जमीन खाली कराई जा रही है।

26 जून को पुनर्वास विभाग के तहसीलदार विजय सिंह की तरफ से नेहरू कॉलोनी में बने मकानों को सरेंडर करने का नोटिस लगाया गया था। नोटिस में कहा गया है कि लोगों को अपने मकानों को विभाग को सरेंडर करने के लिए 15 दिन का समय दिया जा रहा है। अगर वक्त रहते कब्जा सरेंडर नहीं किया गया तो 10 जुलाई से विभाग स्वयं कब्जा खाली कराएगा।

तहसीलदार बोले- उच्च अधिकारियों के पास मामला

पुनर्वास विभाग के तहसीलदार विजय सिंह का कहना है कि उच्च अधिकारियों को इस मामले की जानकारी है। उनके अगले आदेश तक  किसी प्रकार की कोई तोड़फोड़ अभी नहीं की जा रही है। सरकार के पास भी पूरे मामले की जानकारी है। इन कब्जाधारियों को पहले मौखिक रूप से कई बार चेताया जा चुका था, लेकिन किसी प्रकार की सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

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