गुरुग्राम, 21 जुलाई ( धमीजा ) : सोमवार को एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने गुरुग्राम की रियल एस्टेट कंपनी रामप्रस्थ ग्रुप द्वारा हज़ारों लोगों को चुना लगाने के मामले में कंपनी के डायरेक्टर और प्रमोटर को गिरफ्तार कर लिया । ED ने गुरुग्राम के साथ दिल्ली में 3 जगह छापेमारी की। इस दौरान ही दोनों को गिरफ्तार किया गया। यह कार्रवाई धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की है। गिरफ्तार किए गए लोगों में कंपनी का डायरेक्टर संदीप यादव और प्रमोटर अरविंद वालिया शामिल है।
ED की जांच में सामने आया कि कंपनी ने 2008 से 2011 के बीच गुरुग्राम के सेक्टर 37डी, 92 और 95 में एज, स्काइज, राइज और रामप्रस्थ सिटी नाम से प्रोजेक्ट लॉन्च किए थे। इन प्रोजेक्ट्स के लिए करीब 2,000 लोगों से लगभग 1100 करोड़ रुपए जुटाए गए, लेकिन 15 साल बीत जाने के बावजूद कंपनी ने खरीदारों को न तो फ्लैट दिए और न ही उनका कब्जा। ED के मुताबिक जांच में सामने आया कि खरीदारों से लिया गया पैसा प्रोजेक्ट्स पर खर्च करने के बजाय ग्रुप की दूसरी कंपनियों में निवेश किया गया।
इससे पहले ED ने सैंकड़ों करोड़ की प्रॉपर्टी की कुर्क

आरोप है कि रामप्रस्थ ग्रुप ने बड़े-बड़े विज्ञापन और मार्केटिंग कैंपेन चलाकर लोगों को फ्लैट और प्लॉट बुक करने के लिए लुभाया। मगर, जमीन पर कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ। लोगों की शिकायतें कई साल से पेंडिंग थीं। अब जांच दिल्ली और हरियाणा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की ओर से दर्ज FIR के आधार पर की जा रही है। इस मामले में संदीप यादव और अरविंद वालिया के अलावा अन्य प्रमोटर भी जांच के दायरे में हैं। ED की तरफ से बताया गया है कि जांच अभी जारी है।
ED ने 11 जुलाई को रामप्रस्थ प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (RPDPCL) और इसकी सहयोगी कंपनियों की 681.54 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी को कुर्क किया था। इनमें गुरुग्राम के सेक्टर 37डी, 92 और 95 में 226 एकड़ की प्लॉटेड कॉलोनियां और बसई, गाडोली कलां, हयातपुर व वजीरपुर में 1700 एकड़ जमीन शामिल है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई थी।
