डॉ. रितु बीर बनीं मिसेज इंडिया इंटरनेशनल क्वीन 2025, ब्राह्म सुंदरता के साथ साथ बौद्धिक क्षमता, सामाजिक प्रभाव, नेतृत्व गुण आदि के आधार पर किया जाता है चयन 

नई दिल्ली, 27 जुलाई ( धमीजा ) :  फरीदाबाद की शिक्षिका डॉ. रितु बीर ने 

 मिसेज इंडिया इंटरनेशनल क्वीन 2025 का खिताब जीत बड़ा गौरव प्राप्त किया है। उन्हें क्वीन 2025 का खिताब मिलने पर उन्हें बधाई देने वालों की होड़ लगी है। डॉ रितु बियर ने अपने आत्मविश्वास, प्रभावशाली व्यक्तित्व और स्पष्ट विचारों से इस प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल को प्रभावित करते हुए प्रतिष्ठित खिताब अपने नाम किया। डॉ. रितु बीर पर्यावरण रसायन शास्त्र (Environmental Chemistry) में डॉक्टरेट प्राप्त कर चुकी हैं और वर्तमान में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने पारंपरिक सीमाओं को चुनौती देते हुए सौंदर्य प्रतियोगिता की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है। देशभर की प्रतिभाशाली विवाहित महिलाओं के लिए प्रतिष्ठित मंच मिसेज इंडिया इंटरनेशनल क्वीन 2025 के ग्रैंड फिनाले का आयोजन नई दिल्ली स्थित द लीला एम्बियंस कन्वेंशन होटल में भव्यता के साथ संपन्न हुआ।

उन्होंने नारी सशक्तिकरण, गरिमा और उद्देश्यपूर्ण सौंदर्य को मंच पर आत्मसात कर पेश किया। उनका व्यक्तित्व सुंदरता, बुद्धिमत्ता और करुणा का अद्वितीय समन्वय है, जो प्रतियोगिता की मूल भावना से मेल खाता है।

 मिसेज इंडिया इंटरनेशनल क्वीन पेजेंट देश के सबसे सम्मानित मंचों में से एक है, जो विवाहित महिलाओं की केवल बाह्य सुंदरता ही नहीं बल्कि उनकी बौद्धिक क्षमता, सामाजिक प्रभाव, नेतृत्व गुण और आत्म-परिवर्तन को भी पहचानता है। खिताब जीतने के बाद अपने उद्गार व्यक्त करते हुए डॉ. रितु बीर ने कहा, “यह ताज मेरे लिए सिर्फ एक सम्मान नहीं, बल्कि हर उस महिला के लिए संदेश है जो किसी भी उम्र, भूमिका या परिस्थिति में होने के बावजूद सपने देखने और उन्हें साकार करने का अधिकार रखती है। मैंने यह यात्रा असमंजस के साथ शुरू की थी, लेकिन मैं कभी अकेली नहीं थी।” उन्होंने इस उपलब्धि को अपने परिवार – माता-पिता, बच्चों और विशेष रूप से अपने पति डॉ. प्रदीप कुमार को समर्पित किया, जो मानव रचना यूनिवर्सिटी (MRIIRS), फरीदाबाद में प्रो वाइस चांसलर और डीन – स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी एवं स्कूल ऑफ डिजाइन के रूप में कार्यरत हैं। दंपती वर्तमान में फरीदाबाद के सेक्टर-31 में निवास करते हैं। अपनी यात्रा को याद करते हुए डॉ. रितु ने बताया कि शुरू में वह मंच पर आने को लेकर काफी घबराई हुई थीं, लेकिन परिवार के प्रोत्साहन और अपनी आत्म-आस्था की बदौलत उन्होंने हर चुनौती को पार करते हुए यह मुकाम हासिल किया। डॉ. रितु बीर की यह जीत केवल एक व्यक्तिगत सफलता नहीं है, बल्कि यह देशभर की महिलाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत बनकर उभरी है, जो उन्हें आत्मविश्वास के साथ अपने सपनों की ओर बढ़ने और समाज में अपनी अलग पहचान बनाने के लिए प्रेरित करती है।

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