चंडीगढ़, 8 अगस्त ( धमीजा ) : हरियाणा में कर्मचारियों और अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर मंत्री और विधायकों की नाराजगी सामने आई है। तबादलों को लेकर विधायक – मंत्री भी cmo में तैनात अफसरों के चक्कर लगाते रहते हैं ,लेकिन उनकी सुनवाई नहीं होती। ये नाराजगी हाल ही में हुई विधायक दल की मीटिंग में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के सामने उजागर हुई। 29 जुलाई को चंडीगढ़ स्थित संत कबीर कुटीर में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भाजपा विधायकों व मंत्रियों के साथ मीटिंग की थी जिसमे तबादलों का मुद्दा गरमा गया।
मीटिंग में दक्षिण हरियाणा से पार्टी के एक विधायक ने ट्रांसफर-पोस्टिंग का मुद्दा उठा दिया। उन्होंने CM सैनी से कहा- वह पिछले काफी समय से कुछ ट्रांसफर करवाने के लिए CMO के अधिकारियों को कह रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। पार्टी विधायक ने यहां तक कह दिया कि मैं ताे एक सामान्य विधायक हूं, यहां तो मंत्रियों के कहने पर भी ट्रांसफर नहीं होते हैं। विधायक की इस बात का कैबिनेट के कई मंत्रियों ने भी समर्थन किया। मीटिंग में विधायक के मुद्दा उठाए जाने के बाद एक कैबिनेट मंत्री ने यहां तक कह दिया कि हमारी ट्रांसफर पोस्टिंग की फाइलों को जलेबी की तरह घुमाया जाता है। दूसरी ओर सरकार ने ट्रांसफर प्रक्रिया को पारदर्शी और डिजिटल बनाने के लिए नई ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी का जून में नोटिफिकेशन जारी किया है।
CMO में तैनात अफसर की सीएम ने लगाईं क्लास, चपरासी तक का ट्रांसफर CMO से होता है
सूत्रों का कहना है कि मीटिंग में इस मुद्दे को लेकर CM काफी असहज हो गए। उन्होंने इसके लिए CMO में तैनात HCS रैंक के एक अधिकारी को लताड़ लगाई। CM ने स्पष्ट किया कि मंत्रियों और विधायकों की ट्रांसफर फाइलों को बेवजह रोकने की जरूरत नहीं है। इसके बाद जब विधायक मीटिंग छोड़कर अपने विधानसभा की ओर रवाना हुए तो संबंधित अधिकारी ने फोन कर बुलाकर उनकी ट्रांसफर-पोस्टिंग की फाइलों को ओके किया।
राज्य में मंत्रियों को ट्रांसफर के मामले में कोई अधिकार नहीं है। वह ग्रुप-D जिसमें माली, स्वीपर, चपरासी जैसे पद आते हैं, उनको भी नहीं बदल सकते। सारे ट्रांसफर CM ऑफिस से होते हैं। यह सारा काम मुख्यमंत्री ऑफिस में नियुक्त OSD लेवल के HCS अधिकारी देखते हैं। प्रदेश में ट्रांसफर-पोस्टिंग का पूरा अधिकार मुख्यमंत्री के पास है। अगर किसी कर्मचारी या अधिकारी की ट्रांसफर करना हो तो पहले मुख्यमंत्री से पूछना पड़ता है, उसके बाद OSD इसके आदेश जारी करते हैं।
पहले ट्रांसफर मंत्री खुद करते थे ,ऐसे खत्म हुए उनके अधिकार ……
हरियाणा सरकार में मंत्रियों को पहले साल के भीतर एक महीने ग्रुप-B (सेकेंड क्लास) तक ट्रांसफर के अधिकार मिलते थे। यह अधिकार 2019 में दूसरे टर्म की सरकार में तत्कालीन CM मनोहर लाल ने भी दिए। हालांकि मनोहर लाल ने 2019 में मंत्रियों को 25 नवंबर से 10 दिसंबर तक तबादलों की पावर दी थी। इसके आगे के 4 साल यानी 2020 से 2024 तक मंत्रियों के पास कोई अधिकार नहीं थे। दूसरे टर्म के अंत में नायब सैनी सीएम बन गए, लेकिन ट्रांसफर के अधिकारों की यह प्रक्रिया ऐसे ही चली आ रही है।
सूत्रों का कहना है कि हरियाणा सीएमओ में विधायकों के अलावा कैबिनेट मंत्रियों की 1500 से अधिक फाइलें अटकी हैं। मीटिंग में कई कैबिनेट मंत्रियों ने सीएम को बताया कि वह पिछले कई दिनों से सीएमओ के अधिकारियों से फाइलों का निपटारा करने के लिए कह रहे हैं, लेकिन अभी तक उनकी फाइलों पर काम नहीं हुआ है। दक्षिण हरियाणा के एक कैबिनेट मंत्री ने सीएम को बताया कि उनकी करीब 200 से अधिक ट्रांसफर फाइलें हैं, जोअटकी हुई हैं। इसके बाद कई मंत्रियों ने सीएम के सामने ही अपनी ट्रांसफर फाइलों की संख्या बताई।
