फरीदाबाद , 11 अगस्त ( धमीजा ) : फरीदाबाद नगर निगम में लगभग 7 साल बाद हो रहे सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव आज राजनैतिक गहमा गहमी के बाद स्थगित कर दिया गया है। केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि कुछ टेक्निकल कारणों के चलते चुनाव नहीं हो पाया है। जल्दी ही चुनाव की नई तारीख की घोषणा की जाएगी।
फरीदाबाद नगर निगम में स्पष्ट बहुमत होने के बावजूद सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर को लेकर सहमति नहीं बन पाई। चुनाव को लेकर सुबह 11 से शाम 5 बजे तक रस्साकशी चलती रही, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला, जिसके बाद चुनाव स्थगित कर दिया गया। इस चुनाव को लेकर बीजेपी दो गुटों में बंटी नजर आई। 6 घंटे तक लगातार चली बैठक में भी भाजपा सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का नाम घोषित नहीं कर पाई। पिछले काफी समय से इन चुनावों को लेकर चर्चा थी कि सीनियर डिप्टी मेयर का पद कृष्णपाल गुर्जर के समर्थक को और डिप्टी मेयर विपुल गोयल के पाले में जा सकता है। इनके समर्थकों में पार्षद अजय बैंसला तथा मुकेश अग्रवाल के नाम की चर्चा ज़ोरों पर थी। माना जा रहा था कि इन दोनों नामों पर मोहर लग सकती है , लेकिन आपसी राजनैतिक खींचतान में आज कोई फैसला नहीं हो पाया और चुनाव टल गया।
विधायक मंत्रियों की गुटबाज़ी आई सामने
इन पदों पर अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए भाजपा में दो गुट आमने-सामने हैं। एक तरफ केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर हैं, तो दूसरी तरफ कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल और राज्य मंत्री राजेश नागर हैं।
निगम के सभागार में से बल्लभगढ़ से मूलचंद शर्मा, एनआईटी से सतीश फागना और बडखल से धनेश अदलक्खा अपने पार्षदों के साथ एक बार तो बैठक से वॉकआउट कर गए। लेकिन कुछ समय के बाद वो वापस निगम के सभागार पहुंच गए।
निगम में 46 में से 39 पार्षद भाजपा के, फिर भी नहीं बन पाई सहमति
2 मार्च को नगर निगम की 46 सीटों के लिए पार्षद सहित मेयर के पद के चुनाव चुनाव हुए थे । जिसमें 39 सीटों पर भाजपा उम्मीदवार चुनाव जीते और मेयर पद पर भी प्रवीण बत्रा ने कांग्रेस की उम्मीदवार लता चंदीला को हराकर जीत हासिल की। जबकि 6 निर्दलीय और एक कांग्रेस के पार्षद ने जीत हासिल की।
सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव के लिए भाजपा ने कृष्णलाल पंवार को आब्जर्वर नियुक्त किया था । नगर निगम में इस बार भाजपा को एकतरफा बहुमत मिला है। कुल 46 सीटों में से 39 पार्षद भाजपा के हैं, जबकि 6 निर्दलीय और एक कांग्रेस का पार्षद है। 2 मार्च को हुए निगम चुनाव में पहली बार भाजपा को इतना बड़ा बहुमत मिला है।
